पेट्रोडॉलर(Petrodollar): तेल और रुपये के बीच का रिश्ता__
कभी सोचा है कि जब आप अपने स्कूटर में पेट्रोल भरवाते हैं या अपना जेनरेटर चलाते हैं, तो उस तेल की कीमत कैसे तय होती है? इसका सीधा सम्बन्ध एक शब्द से है – पेट्रोडॉलर (Petrodollar)। आइए इसे आसान शब्दों में समझते हैं।
क्या है पेट्रोडॉलर?
दुनिया में ज़्यादातर तेल का व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है। इसका मतलब है कि चाहे आप तेल खरीदने वाले हों या बेचने वाले, आपको अमेरिकी डॉलर में ही पेमेंट करनी होगी। ये व्यवस्था 1970 के दशक में हुई थी, जब अमेरिका और सऊदी अरब के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत, सऊदी अरब ने अपने तेल का व्यापार सिर्फ डॉलर में करने की सहमति दी। इससे अमेरिकी डॉलर को दुनिया भर में मजबूती मिली और वो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली मुद्रा बन गई।
कैसे जुड़ा है रुपया पेट्रोडॉलर से?
भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों को अमेरिका से डॉलर खरीदने होते हैं, फिर उसी डॉलर से तेल खरीदते हैं। इसका मतलब है कि अगर डॉलर मजबूत होता है, तो तेल महंगा हो जाता है, और रुपया कमज़ोर होता है। ऐसे में हमारी जेब पर सीधा असर पड़ता है। पेट्रोल, डीज़ल के दाम बढ़ जाते हैं, जिससे महंगाई बढ़ती है और हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित होती है।
पेट्रोडॉलर के फायदे और नुकसान:
- फायदे: इस व्यवस्था से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हुआ है। डॉलर के मजबूत होने से अमेरिकी कंपनियों को विदेशों में व्यापार करना आसान होता है। साथ ही, अमेरिकी सरकार को कर्ज लेना भी सस्ता हो जाता है।
- नुकसान: तेल आयात करने वाले देशों के लिए पेट्रोडॉलर एक चुनौती है। तेल की कीमतों पर उनका कम नियंत्रण होता है और डॉलर में उतार-चढ़ाव का सीधा असर उनकी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
क्या हो सकता है भविष्य में?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोडॉलर का प्रभाव भविष्य में कम हो सकता है। जैसे-जैसे दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा(renewable energy) के इस्तेमाल बढ़ेगा, वैसे-वैसे तेल की अहमियत कम होती जाएगी। इसके अलावा, कुछ देश अपने तेल का व्यापार डॉलर के अलावा दूसरी मुद्राओं में करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर फिलहाल, पेट्रोडॉलर का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव है और ये समझना ज़रूरी है कि ये कैसे हमारे और आपके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकता है।
मुख्य बातें:
- पेट्रोडॉलर का मतलब है कि दुनिया में ज़्यादातर तेल का व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है।
- पेट्रोडॉलर का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है।
- भविष्य में पेट्रोडॉलर का प्रभाव कम हो सकता है, मगर फिलहाल ये काफी महत्वपूर्ण है।
यह भी पढ़ें: