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खान सर: जिन्होंने पढ़ाई को आसान बना दिया – Khan Sir: who made studies easy | Income |

“मैं पढ़ाउंगा, तुम भूल कर दिखा दो” 

खान सर एक प्रसिद्ध शिक्षक हैं, जो सिर्फ छात्रों के बीच ही नहीं बल्कि हर पीड़ी के लोगों के बीच फेमस है। जिन्होंने भारत में छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तरीके में क्रांति ला दी है। उनके यूट्यूब चैनल, Khan GS Research Centre में  21.9 मिलियन से अधिक subscribers हैं, और उनके वीडियो को 1 बिलियन से भी ज्यादा बार देखा जा चूका है। खान सर को पढ़ाने की अपनी अनूठी शैली के लिए जाना जाता है, खासकर करंट अफेयर्स, सामान्य अध्ययन और विज्ञान से संबंधित विषयों के लिए। वह रोजमर्रा की जिंदगी, इतिहास और संस्कृति के उदाहरणों का उपयोग करके कठिन सवालों को सरल और मजाकिये तरीके से समझाते हैं। वे अपने शिक्षण को रोमांचक बनाने के लिए शिक्षण के दौरान बीच-बीच में बच्चों से मजाक भी किया करते हैं।

परिवार और शिक्षा

खान सर का असली नाम फैसल खान है। उनका जन्म 28 अक्टूबर 1992 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। वह एक मुस्लिम परिवार से हैं और इस्लाम का पालन करते हैं। उनके पिता एक व्यवसायी हैं और उनकी माँ एक गृहिणी हैं। उनके दो भाई और एक बहन हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गोरखपुर के सेंट पॉल स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की। उनके पास उसी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री भी है।

खान सर को बचपन से ही पढ़ाने में रुचि थी। वह स्कूल और कॉलेज में अपने दोस्तों और जूनियर्स को पढ़ाते थे। उन्होंने विभिन्न प्रश्नोत्तरी और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। वह अपने शिक्षकों और गुरुओं से प्रेरित थे, जिन्होंने उन्हें शिक्षा के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक शिक्षक बनने और भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की मदद करने का फैसला किया।

कैरियर और आय

खान सर ने 2016 में एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह बिहार के पटना में एक कोचिंग संस्थान में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने सामान्य अध्ययन और विज्ञान विषय पढ़ाए। उन्होंने अपनी नवीन और इंटरैक्टिव शिक्षण विधियों के लिए छात्रों के बीच लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने अपने स्वयं के नोट्स और अध्ययन सामग्री भी विकसित की, जिसे उन्होंने अपने छात्रों को मुफ्त में वितरित किया। उन्होंने महसूस किया कि भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की भारी मांग है, खासकर उन छात्रों के लिए जो महंगी कोचिंग कक्षाएं नहीं ले सकते। उन्होंने देश भर में अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग करने का निर्णय लिया।

उन्होंने 2017 में अपना यूट्यूब चैनल, खान जीएस रिसर्च सेंटर लॉन्च किया। उन्होंने करंट अफेयर्स, सामान्य अध्ययन और विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों पर वीडियो अपलोड करना शुरू किया। उन्होंने इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, जीव विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित जैसे विषयों को कवर किया। 

2020 में आए कोरोना (COVID-19) के चलते जब पूरा देश लॉक-डाउन की समस्या से जूझ रहा था, और हर प्रकार के कोचिंग संस्थानों को बंद करना पड़ा, तब खान सर ने ऑनलाइन के द्वारा बच्चों को पढ़ने की सोची। और जब लोगों ने YouTube में खान सर के पढ़ाने के रोचक तरीके को देखा तो सब खान सर के इस शैली के दीवाने हो गए। बस यहाँ से खान सर की पॉपुलैरिटी का सिलसिला शुरू हुआ, जो आज तक थमने का नाम नहीं ले रही।

खान सर का यूट्यूब चैनल बहुत ही कम समय में काफी सफल हो गया। उन्हें अपने छात्रों और दर्शकों से बहुत ज्यादा प्यार और सम्मान मिलता है। कुछ लोगो द्वारा उन्हें आलोचना और विवाद भी मिलता है, जिन्होंने उन पर गलत सूचना, पूर्वाग्रह और प्रचार फैलाने का आरोप  लगाया। खान सर ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह केवल विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर तथ्यात्मक और निष्पक्ष जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी धर्मों, संस्कृतियों और मतों का सम्मान करते हैं और उनका इरादा किसी की भावनाओं या विश्वासों को ठेस पहुंचाने का नहीं है।  खान सर का कहना है कि “तारीफ करने वालों की कमी हो जाये, लेकिन जलने वालों की कमी नहीं होनी चाहिए

खान सर के यूट्यूब चैनल पर नवंबर 2023 तक 21.9 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर और 362 वीडियो हैं। उनके विडियो के व्यूज के अनुसार वे हर महीने YouTube से लगभग 15 से 20 लाख रूपये कमाते है। वह अपनी वेबसाइट khanglobalstudies.com से भी कमाई करते हैं, जिसपर 40 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर है। जहां वह अपने ऑनलाइन पाठ्यक्रम, किताबें और टेस्ट सीरीज़ बेचते हैं। वह पटना में अपने कोचिंग सेंटर में ऑफ़लाइन कक्षाएं भी संचालित करते हैं। 

खान सर एक साल के कोर्स के लिए प्रति छात्र 15,000 रु. लेते है जो अन्य संस्थानों से बहुत कम है। वह अपनी आय का एक हिस्सा विभिन्न सामाजिक कार्यों और दान भी करते हैं।

उपलब्धियाँ एवं पुरस्कार

खान सर को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उनमें से कुछ हैं:

  • खान सर को 2019 में यूट्यूब गोल्डन प्ले बटन मिला, यह पुरस्कार 1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स वाले यूट्यूबर्स को दिया जाता है।
  • 2020 में, फोर्ब्स इंडिया ने खान सर को अपनी 30 अंडर 30 सूची में नामित किया, जो भारत में सबसे नवीन और प्रभावशाली युवाओं को पहचानता है।
  • 2021 में, संयुक्त राष्ट्र ने खान सर को वैश्विक शिक्षा शिखर सम्मेलन में बोलने के लिए आमंत्रित किया, जहां उन्होंने दुनिया भर में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया।
  • 2022 में, भारत के राष्ट्रपति ने शिक्षा के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए खान सर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री से सम्मानित किया।

निष्कर्ष

खान सर भारत और दुनिया के लाखों छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने अपने ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता का उपयोग करके अपने छात्रों के लिए पढ़ाई को आसान और मजेदार बना दिया है। उन्होंने जागरूकता, सूचना और शिक्षा का प्रसार करके समाज पर सकारात्मक प्रभाव भी डाला है। वह उन युवाओं के लिए एक आदर्श हैं, जो अपने सपनों और लक्ष्यों को हासिल करने की इच्छा रखते हैं। वह एक शिक्षक का सच्चा उदाहरण हैं, जो न केवल पढ़ाते हैं, बल्कि सीखते हैं, बढ़ते हैं और विकसित भी होते हैं। ये वो खान सर हैं, जिन्होंने पढ़ाई को आसान बना दिया।

तो आखिर में इस लेख को खान सर के कुछ मोटिवेशनल शब्दों के साथ समाप्त करता हूँ- 

हमेशा याद रखें अकाल बादाम खाने से नहीं, ठोकर खाने से आती है”

“खाली हाथ आए थे, लेकिन खाली हाथ जाना नहीं”

“अपने पर इतना रिसर्च करें, कि लोग आपको गूगल पर सर्च करें”

“जिसके जीवन में कठिनाई आ रही है, मान कर चलो सफलता की राह यही है”

“भले ही जेब खाली हो, जेब में गाँधी हो या न हो। लेकिन दिल में आंधी होनी चाहिए”

Source : Internet and khan sir interviews, 

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