उत्तराखंड एक खूबसूरत राज्य है, जहां कई प्राचीन और पवित्र मंदिर हैं। इनमें से एक है कटारमल सूर्य मंदिर, जो अल्मोड़ा जिले के एक गाँव में स्थित है। यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और इसका निर्माण कत्यूरी राजवंश के राजा कटारमल ने नौवीं से ग्यारवीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण कराया था।
यह मंदिर अपनी विशेष वास्तुकला और शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 45 छोटे-छोटे मंदिरों का एक समूह है, जिनमें से मुख्य मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति है। यह मूर्ति बरगद की लकड़ी से बनी है, जो एक अनोखी बात है। मंदिर पूर्वमुखी है और सूर्योदय के समय इसमें सूर्य की किरणें प्रवेश करती हैं।
इस मंदिर के बारे में कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। एक कथा के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण रातों-रात किया गया था, लेकिन मुख्य मंदिर के शिखर का निर्माण होने से पहले ही सूर्य उग गया, इसलिए यह शिखर अधूरा रह गया और इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका। एक और कथा के अनुसार, इस मंदिर में सूर्यदेव का दिव्य तेज स्थापित है, जिसे उन्होंने ऋषि-मुनियों को दिया था, जो असुरों के प्रतारणा से मुक्ति पाने के लिए इसी स्थान पर सूर्यदेव की तपस्या कर रहे थे।
आज भी यह मंदिर लोगों को आकर्षित करता है और यहां के दर्शन से उन्हें शांति और आनंद का अनुभव होता है। यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है और इसकी देखभाल भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा ही की जाती है।