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हमास के 5000 हवाई हमलों का जवाब… कैसे देगा इज़राइल?

अक्टूबर 2023 में, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास(Harakat al-Muqawama al-Islamiya) ने इज़राइल पर एक बड़े हमले की शुरुआत की। हमास ने इस ऑपरेशन का नाम अल-अक्सा स्टॉर्म(AL-AQSO-STORM) नाम दिया। 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद यह इजरायली सीमाओं के साथ पहला सीधा संघर्ष है।

हमले के दौरान, गाजा पट्टी से 5000 से अधिक रॉकेट दागे गए, जिसे इज़राइल की सुरुक्षा प्रणाली “आयरन डोम” भी हमले को रोक नहीं सका  जिससे इज़राइल में कम से कम 900 लोगों की दुखद हानि हुई।

स्थिति की गंभीरता के जवाब में, इजरायली सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक राष्ट्रीय संबोधन में कहा कि इजरायल युद्ध की स्थिति में है। प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपना कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस युद्ध को उन्होंने शुरू किया है लेकिन हम इसे समाप्त करेंगे।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों सहित इजरायली सैनिकों और नागरिकों को फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने बंधक बना लिया था, हमास के हमले की शुरुआत के बाद से इजरायली नागरिकों के खिलाफ हिंसा के कई मामले भी सामने आए हैं। दुखद बात यह है कि इज़राइल में एक संगीत समारोह को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 260 लोगों की जान चली गई। 

जवाब में, इज़राइल ने आने वाले रॉकेटों को रोकने का प्रयास करते हुए गाजा पर हवाई हमले किए। जिसमें 2215 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए। 

हमास ने अपने न्यूज़ रिपोर्ट में हमले का कारण बताया कि इज़राइल ने अपने जेलों में 4500 से ज्यादा फ़िलिस्तीनियों को बंधक बना के रखा है। 50 वर्षों के बाद इज़राइल पर यह आश्चर्यजनक रूप से बड़े पैमाने पर हमला था। हमास ने कहा है कि वह तब तक युद्ध जारी रखेगा जब तक इज़राइल अपने जेलों में कैद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं कर देता।

इज़राइल ने हमास के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया है और कहा है कि वह हमास को नष्ट कर देगा। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की है और दोनों पक्षों से युद्धविराम का आह्वान किया है।

पूरी दुनिया में इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसी “मोसाद” की एक अलग पहचान है। लेकिन इस हमले की जानकारी के बारे में मोसाद से भी चुक हो गई, जो एक सवाल खड़े करता है।

इस युद्ध के कारण दोनों ओर के आम नागरिकों को भारी नुकसान के साथ अपनी और अपने प्रियजनों के जान से हाथ धोना पड़ रहा है जिसमे बुजुर्ग, महिला, व छोटे मासूम बच्चें भी है। यह युद्ध अभी भी जारी है और यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब समाप्त होगा। यह युद्ध आगे क्या रूप लेगा यह तो वक़्त ही बताएगा।

 

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