गोवर्धन पूजा का इतिहास, महत्व और विधि – History, Significance and Rituals of Govardhan Puja

गोवर्धन पूजा क्या है?

गोवर्धन पूजा एक हिंदू त्योहार है जो बारिश के देवता इंद्र पर भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाता है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है “भोजन का पर्वत।” गोवर्धन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पहले चंद्र दिवस पर मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में होती है।

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर सात दिन और सात रातों तक अपने पास रखकर ब्रज के लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। इंद्र ब्रज के लोगों द्वारा उनकी पूजा करने में उपेक्षा करने से नाराज थे और उन्होंने उन्हें दंडित करने के लिए भारी वर्षा कर दी थी। हालाँकि, भगवान कृष्ण के सुरक्षा कार्य ने इंद्र को दिखाया कि भगवान कृष्ण उनसे अधिक शक्तिशाली थे।

गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?

गोवर्धन पूजा भारत में, विशेषकर ब्रज क्षेत्र में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। लोग अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं, और वे विभिन्न प्रकार के शाकाहारी व्यंजन तैयार करते हैं, जो भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को चढ़ाए जाते हैं।

त्योहार के दिन, लोग गोवर्धन पहाड़ी के चारों ओर इकट्ठा होते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं। वे पहाड़ी पर प्रार्थना और फूल चढ़ाते हैं, और वे पहाड़ी पर भोजन भी चढ़ाते हैं, जिसे “अन्नकूट” कहा जाता है। अन्नकूट उस प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है जो गोवर्धन पर्वत ब्रज के लोगों को प्रदान करता है।

 


पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs

प्रश्न: गोवर्धन पूजा कब मनाई जाती है?

उत्तर: गोवर्धन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पहले चंद्र दिवस पर मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में होती है।

प्रश्न: गोवर्धन पर्वत क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: गोवर्धन पहाड़ी भारत के ब्रज क्षेत्र में स्थित एक पवित्र पहाड़ी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने ब्रज के लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था। गोवर्धन पर्वत प्रचुरता और समृद्धि का भी प्रतीक है।

प्रश्न: अन्नकूट क्या है?

उत्तर: अन्नकूट भोजन का एक पर्वत है जिसे गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को चढ़ाया जाता है। अन्नकूट उस प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है जो गोवर्धन पर्वत ब्रज के लोगों को प्रदान करता है।

प्रश्न: यदि मैं गोवर्धन पहाड़ी के पास नहीं रहता तो मैं गोवर्धन पूजा कैसे मना सकता हूँ?

उत्तर: भले ही आप गोवर्धन पहाड़ी के पास नहीं रहते हैं, फिर भी आप विभिन्न प्रकार के शाकाहारी व्यंजन बनाकर और भगवान कृष्ण को अर्पित करके गोवर्धन पूजा मना सकते हैं। आप अपने घर को फूलों और रंगोली से भी सजा सकते हैं, और आप भगवान कृष्ण के सम्मान में गीत गा सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं।


 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है। Digital bharat vibes इस आर्टिकल में दी गई जानकारी की सटीकता और प्रामाणिकता की गारंटी नहीं देता है।

 

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