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पैदा होते ही पिता ने छोड़ दिया, एलियन जैसे दिखने वाले बच्चे को: लेकिन माँ…

एक ऐसी दुनिया में जहां लोग दिखने के आधार पर दूसरों को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं, बेरेथ और उसके बच्चे की कहानी एक ऐसी कहानी है जो लचीलापन, बिना शर्त प्यार और सामाजिक पूर्वाग्रहों के बारे में है। बेरेथ एक समर्पित माँ जिसने अपने बच्चे को बिना शर्त प्यार दिया, भले ही उसके बच्चे की शक्ल समाज की नज़रों में “अलग” एलियन जैसी हो। यह सच्ची कहानी हमें सिखाती है कि हमें दूसरों को वे कैसे दीखते है के आधार पर नहीं आंकना चाहिए, बल्कि उनके व्यक्तित्व और गुणों के आधार पर।

रवांडा(पूर्व-मध्य अफ़्रीका) में एक बच्चे का जन्म हुआ, जिसका चेहरा एलियन जैसा था। लोग उसे देखकर हैरान और परेशान हुए। बच्चे के पिता को यह पसंद नहीं आया कि उसका बच्चा इतना अलग दिखता है। इसलिए, उसने बच्चे और अपनी पत्नी को छोड़ दिया। जब बच्चे को अपने पिता की सबसे ज्यादा जरुरत थी तब पिता ने बच्चे को अकेला छोड़ दिया, जिसने उसे दुनिया की कठोरता से सामना करना पड़ा।

बेरेथ और उसका बच्चा रवांडा देश के एक सुनसान गाँव पर रहते है। लोग उन्हें देखने के लिए हमेशा वहां आते है। बच्चा दिखने में कुछ अलग था, इसलिए लोग उसे देखकर हैरान और डरते थे। बेरेथ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी। वह उसे भीड़ की बुरी बातों से बचाती थी। वह जानती थी कि उसका बच्चा भी किसी और बच्चे की तरह प्यार और देखभाल का हकदार है।

दिल दहला देने वाली हकीकत बेरेथ के सामने तब आई जब उसने अपने बच्चे की लगातार चीखें देखीं, बेरेथ को यह देखकर बहुत दुख हुआ कि उसके बच्चे को लगातार दर्द होता है। अपने बच्चे को दर्द से तड़पता हुआ देख कर भी वह कुछ नहीं कर पा रही थी।  बेरेथ का बच्चा अभी छोटा था, लेकिन उसे बहुत दर्द होता था। बेरेथ के पास अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए, उसे और भी दुख होता था कि वह अपने बच्चे को ठीक नहीं कर पा रही थी।

बेरेथ बस अपने बच्चे को ठीक करना चाहती थी, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे और लोग उसके बच्चे को देखकर घृणा करते थे। इसलिए, उसे अपने बच्चे का इलाज कराना बहुत मुश्किल था।

गाँव वालों की घृणा और उसके पति के छोड़ देने से बेरेथ की जिंदगी मुश्किल हो गई। उसके पति के जाने के बाद भी उसकी तकलीफें कम नहीं हुईं। बल्कि, लोग उसे और उसके बच्चे को अलग-थलग कर दिया और उसे बच्चे को छोड़ने के लिए कहा।

बेरेथ अपने बीमार बच्चे के लिए मदद के लिए अपने गाँव लौटी, लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी। उसके परिवार में उसकी परेशानी को समझने की सहानुभूति थी, लेकिन मदद के लिए उनके पास संसाधन नहीं थे। इससे बेरेथ और उसके परिवार को बच्चे के इलाज के लिए असहाय महसूस हुआ।

बेरेथ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी। उसने अपने बच्चे के लिए सब कुछ करने का फैसला किया। बेरेथ ने अपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए लोगों से मदद मांगी। लेकिन उसे कई बार मना कर दिया गया। इसके अलावा, लोग उसे गलत समझने लगे। बेरेथ ने बाधाओं को नहीं मानी। उसने अपने बच्चे के लिए बेहतर जीवन की तलाश में जारी रखा।

बेरेथ और उसके बच्चे की कहानी बताती है कि माँ का प्यार बहुत शक्तिशाली होता है। यह किसी भी बच्चे को एक अच्छी जिंदगी जीने का मौका दे सकता है। हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझ रखनी चाहिए। हर बच्चे को प्यार, देखभाल और एक स्वस्थ जीवन का मौका मिलना चाहिए।

दुनिया में ऐसी जगहें हैं जहां लोग दूसरों के बारे में उनकी जाति, धर्म, या अन्य मतभेदों के आधार पर राय बनाते हैं। यह राय अक्सर गलत और हानिकारक होती है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हर व्यक्ति, चाहे वह कैसा भी हो, सम्मान और समझ का हकदार है।

बेरेथ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है। वह हर मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहती है। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए। हमें दूसरों के प्रति दयालु और बिना शर्त प्यार करना चाहिए। हमें दिखावे से परे देखना चाहिए और जो अलग हैं उनके लिए भी सहानुभूति, समझ और समर्थन देना चाहिए।

बेरेथ और उसके बच्चे की, यह कहानी बताती है कि हमें हर बच्चे और उनकी माँ की मेहनत और प्यार को समझना चाहिए। चाहे उनका चेहरा कैसा भी हो, हमें उनकी खूबसूरती और महत्त्व को समझना चाहिए। हमें उन्हें उनकी अनूठापन को समझने की बजाय उनकी समझदारी और समर्थन का साथ देना चाहिए। यह एक ऐसी दुनिया की उम्मीद दिखाती है, जहां अलगाव को स्वीकार किया जाता है, सहानुभूति को महत्त्व दिया जाता है, और हर किसी को बिना किसी शर्त के प्यार का साथ मिलता है।”

 

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