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षडयंत्र के सिद्धांत: तथ्य या कल्पना? (Conspiracy Theories: Fact or Fiction?)

षडयंत्र के सिद्धांत: तथ्य या कल्पना? (Conspiracy Theories: Fact or Fiction?)

किसे कहते है डयंत्र के सिद्धांत?(Conspiracy Theories)

कुछ घटनाओं के बारे में बनी कहानियां होती हैं जो वास्तव में सच नहीं होती हैं। इन कहानियों में अक्सर दावा किया जाता है कि जनता से किसी महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया जा रहा है या गलत बताया जा रहा है। षड्यंत्र के सिद्धांतों में विश्वास करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इन सिद्धांतों को मानने वाले लोग अक्सर दो गुटों में बट जाते हैं। जो हिंसा और घृणा को बढ़ावा दे सकते हैं।

आज हम कुछ ऐसे ही षडयंत्र के सिद्धांत(Conspiracy Theories) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। जिसने पूरी दुनिया को दो गुटों में बाट दिया है।

 

Fake moon landing (Conspiracy theory)

The Moon Landing (चाँद पर उतरना)

कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका द्वारा 1969 में चंद्रमा पर उतरना नकली था। इस षड्यंत्र के सिद्धांत के अनुसार, नासा (NASA) ने चंद्रमा पर उतरने का नाटक एक स्टूडियो में किया था। इस सिद्धांत के समर्थक कई तरह के सबूत पेश करते हैं, जैसे कि चंद्रमा पर लहराता हुआ अमेरिकी झंडा, अमेरिकी झंडा चंद्रमा पर नहीं लहरा सकता, क्योंकि वहां वायुमंडल में कोई वातावरण नहीं होता और चंद्रमा की तस्वीरों में दिखाई न देने वाले तारे।

वैज्ञानिको द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण:  हालांकि, इन सबूतों के लिए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों के पास कई स्पष्टीकरण हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी झंडा लहराता हुआ दिखाई देता है क्योंकि यह उस पोल से जुड़ा था जो झंडा लगाते समय हिल रहा था। चंद्रमा की तस्वीरों में तारे दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि कैमरों को लंबे समय तक एक्सपोज़र वाली तस्वीरें लेने के लिए सेट नहीं किया गया था।

चंद्रमा पर उतरने के षड्यंत्र के सिद्धांत में विश्वास करने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से असंभव है और इसके समर्थक कोई ठोस सबूत नहीं दे पाते हैं।

 

9/11 attack

9/11 का हमला (9/11 attacks)

कुछ लोग मानते हैं कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए हमला एक षड्यंत्र का हिस्सा था। इस सिद्धांत के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने खुद ही यह हमला करवाया था। ताकि मध्य पूर्व में युद्ध शुरू करने का बहाना मिल सके। इस सिद्धांत के समर्थक कई तरह के सबूत पेश करते हैं, जैसे कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों का गिरना और पेंटागन पर हुए हमले के कुछ तथ्य।

इस सिद्धांत के समर्थक दावा करते हैं कि इमारतों को नियंत्रित विस्फोटों के माध्यम से गिराया गया था। उनका मानना है कि हवाई जहाज ईमारत की ऊपरी मंजिलों से टकराया था, लेकिन ईमारत पहली मंजिल से गिरने लगी थी।”

विशेषज्ञों द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण

हालांकि, इन सबूतों के लिए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों के पास कई स्पष्टीकरण हैं। उदाहरण के लिए, हवाई जहाजों के टकराने से इमारतों के अंदर आग लग गई। आग ने इमारतों के अंदर के स्टील के बीम को ढीला कर दिया। स्टील के बीम इमारतों के ढांचे को सहारा देते हैं। जब स्टील के बीम ढीले हो गए, तो इमारतों के ढांचे को सहारा देने के लिए कुछ भी नहीं बचा। इससे इमारतें गिर गईं।

 

Flat earth (Conspiracy theory)

पृथ्वी का चपटा होना (Flat Earth)

षडयंत्र के सिद्धांत  के मानने वालों के अनुसार पूरी दुनिया एक बिल्कुल समतल है, जैसे कि एक चप्पू या प्लेट की तरह। इस सिद्धांत के समर्थक यह मानते हैं कि पृथ्वी का आकार गोला नहीं है, और उनका यकीन है कि सभी वैज्ञानिक तथ्य जो पृथ्वी के गोले बने होने की ओर सुझाते हैं, वे सब झूठे हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण

हालांकि, वैज्ञानिकों के पास इन सबूतों के स्पष्टीकरण हैं। उदाहरण के लिए, अंतरिक्ष से ली गई पृथ्वी की तस्वीरों में पृथ्वी चपटी दिखाई देती है जोकि कैमरे के लेंस के आकार के कारण होता है।

फ्लैट अर्थ होने के सिद्धांत में विश्वास करने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से असंभव है और इसके समर्थक कोई ठोस सबूत नहीं दे पाते हैं।

 

हत्या होने से पहले की तस्वीर

जॉन ऍफ़. कैनेडी की हत्या 

जॉन ऍफ़. कैनेडी अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति थे। उन्हें 22 नवंबर, 1963 को टेक्सास के डलास में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद से कई षड्यंत्र के सिद्धांत सामने आए हैं, जो उनके हत्यारे की पहचान और उनके हत्या के मकसद के बारे में सवाल उठाते हैं।

सबसे आम के सिद्धांतों में से एक यह है कि कैनेडी की हत्या एक से अधिक व्यक्ति द्वारा की गई थी। इस सिद्धांत के समर्थक दावा करते हैं कि गोली चलाने वाले ली हार्वे ओसवाल्ड के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे, और कि हत्या एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा थी।

 

गोली लगने के बाद की तस्वीर

एक अन्य आम सिद्धांत यह है कि कैनेडी की हत्या उनके स्वयं के देश के लोगों ने की थी। इस सिद्धांत के समर्थक दावा करते हैं कि कैनेडी की हत्या अमेरिकी सरकार के भीतर शक्तिशाली लोगों द्वारा की गई थी, जो उनकी नीतियों से सहमत नहीं थे।

कैनेडी की हत्या के बारे में कई अन्य षड्यंत्र के सिद्धांत भी हैं। कुछ लोग मानते हैं कि कैनेडी  को सीआईए, माफिया, या यहां तक ​​कि सोवियत संघ ने मार डाला था।

हालांकि, कैनेडी की हत्या के बारे में इन सभी षड्यंत्र के सिद्धांतों के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। अमेरिकी सरकार ने कई जांच की हैं, और सभी जांचों ने निष्कर्ष निकाला है कि ली हार्वे ओसवाल्ड ने अकेले कैनेडी की हत्या की थी।

 

मेक्सिको की कांग्रेस में प्रदर्शित की गईं एलियन शव

एलियंस का पृथ्वी में होना 

एलियंस के बारे में षड्यंत्र के सिद्धांत यह दावा करते हैं कि एलियंस पृथ्वी पर आए हैं, या तो अतीत में या वर्तमान में। ये सिद्धांत अक्सर यह दावा करते हैं कि एलियंस ने सरकारों या व्यक्तियों के साथ गुप्त संपर्क किया है, या कि उन्होंने पृथ्वी पर अपनी उपस्थिति को छुपा रखा है।

एलियंस के बारे में षड्यंत्र के सिद्धांतों के लिए कई अलग-अलग सबूत पेश किए जाते हैं। कुछ लोग अज्ञात उड़न वस्तुओं (UFO) के देखे जाने को एलियंस का प्रमाण मानते हैं। अन्य लोग मानते हैं कि प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, जैसे कि मिस्र के पिरामिड और नाज़का लाइन्स, एलियंस द्वारा बनाए गए थे। अभी तक, एलियंस के अस्तित्व का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है।

एलियंस के बारे में षड्यंत्र के सिद्धांतों के प्रति लोगों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। कुछ लोग इन सिद्धांतों को मनोरंजक या रोमांचक मानते हैं। अन्य लोग इन सिद्धांतों को गंभीरता से लेते हैं और मानते हैं कि एलियंस वास्तव में पृथ्वी पर आए हैं।

 

Illuminate group

इल्लुमिनाटी का षड्यंत्र सिद्धांत

इल्लुमिनाटी एक गुप्त समाज है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया पर राज करता है। इस षड्यंत्र सिद्धांत के समर्थक दावा करते हैं कि इल्लुमिनाटी के सदस्य अमीर और शक्तिशाली लोग हैं, जो सरकारों, मीडिया और बड़े व्यवसायों को नियंत्रित करते हैं।

इल्लुमिनाटी के षड्यंत्र सिद्धांत में विश्वास करने के कई अलग-अलग कारण हैं। कुछ लोग मानते हैं कि दुनिया में बहुत अधिक असमानता है और यह कि केवल एक गुप्त

समाज ही इतनी असमानता को पैदा और बनाए रख सकता है। अन्य लोग मानते हैं कि कई ऐतिहासिक घटनाओं, जैसे कि फ्रांसीसी क्रांति और अमेरिकी क्रांति, इल्लुमिनाटी द्वारा नियंत्रित की गई थीं।

हालांकि, इल्लुमिनाटी के षड्यंत्र सिद्धांत के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। इल्लुमिनाटी का कोई भी सदस्य कभी भी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है और इस समाज के अस्तित्व का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है।

 

The new world order

नई विश्व व्यवस्था (New World Order)

नई विश्व व्यवस्था एक षड्यंत्र सिद्धांत है जो यह दावा करता है कि दुनिया के शक्तिशाली लोग एक गुप्त समाज का हिस्सा हैं जो दुनिया को नियंत्रित करना चाहते हैं। इस सिद्धांत के समर्थक दावा करते हैं कि ये शक्तिशाली लोग दुनिया के संसाधनों को नियंत्रित करना चाहते हैं और लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं।

नई विश्व व्यवस्था के षड्यंत्र सिद्धांत के कई अलग-अलग रूप हैं। कुछ लोग मानते हैं कि नई विश्व व्यवस्था का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र या विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं कर रही हैं। अन्य लोग मानते हैं कि नई विश्व व्यवस्था का नेतृत्व बड़ी कंपनियों या बैंकों द्वारा किया जा रहा है।

नई विश्व व्यवस्था के षड्यंत्र सिद्धांत के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। इस सिद्धांत के समर्थक जो सबूत पेश करते हैं वे अक्सर तथ्यात्मक रूप से गलत या अस्पष्ट होते हैं।

नई विश्व व्यवस्था के षड्यंत्र सिद्धांत का लोगों पर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह सिद्धांत लोगों को सरकारों, मीडिया और अन्य संस्थानों पर भरोसा करने से हतोत्साहित कर सकता है। यह सिद्धांत लोगों को हिंसक कार्रवाई के लिए भी प्रेरित कर सकता है।

निष्कर्ष

इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।” इसका मतलब है कि षड्यंत्र सिद्धांत के समर्थक जो सबूत पेश करते हैं वे वैज्ञानिक रूप से त्रुटिपूर्ण हैं।

अंतिम प्रश्न

आपके अनुसार, लोग ऊपर बताए गए ‘षडयंत्र के सिद्धांत’ पर विश्वास क्यों करते हैं? इस सिद्धांत पर विश्वास करने के संभावित परिणाम क्या हैं? और क्या आप इस ‘षडयंत्र के सिद्धांत’ के पक्ष में हो या विपक्ष में कमेंट करके बताएं?”

 

 

 

 

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