पहाड़ों की गोद में बसा, प्रकृति से जुड़ा आधुनिक जनजाति: अपातानी

पहाड़ों की गोद में बसा, प्रकृति से जुड़ा आधुनिक जनजाति – अपातानी__

अरुणाचल प्रदेश के सुंदर पहाड़ों के बीच, एक ऐसी जनजाति रहती है जिन्हें अपातानी कहते हैं। ये लोग अपनी अनोखी परंपराओं और प्रकृति से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। आइए आज इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानें:

चेहरे पर सुंदर चित्रकारी: अपातानी महिलाओं के चेहरे पर देखे जाने वाले काले रंग के सुंदर निशान सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि साहस और सौंदर्य का प्रतीक हैं। ये निशान उन्हें बुरी आत्माओं से बचाने और उनकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए बनाए जाते हैं।

नाक का गहना: अपातानी महिलाएं अपने नाक पर लकड़ी के बड़े-बड़े गहने पहनती हैं जिन्हें “डोंगनी” कहते हैं। ये गहने न सिर्फ उनकी शादीशुदा होने का प्रतीक हैं, बल्कि सामाजिक दर्जे का भी संकेत देते हैं।

प्रकृति के साथ सद्भाव: अपातानी लोग जंगलों और पहाड़ों को अपना घर मानते हैं। वे प्रकृति का बहुत सम्मान करते हैं और उसे नुकसान नहीं पहुंचाते। उनकी खेती के तरीके भी प्राकृतिक होते हैं, जिससे जमीन भी खुश रहती है।

गांवों का सौंदर्य: अपातानी गांव अपने साफ-सुथरे वातावरण और खूबसूरत घरों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये घर बांस और बेंत से बनाए जाते हैं और इनकी छतें घास से ढकी होती हैं।

जीवन का उत्सव: अपातानी लोग साल भर कई तरह के त्योहार मनाते हैं, जो उनके जीवन का अहम हिस्सा हैं। “म्योको” और “मुंरुंग” जैसे त्योहारों में नाच-गाना, खेल-खेल और ढेर सारी खुशियां होती हैं।

अपातानी जनजाति हमें ये सिखाती है:

  • प्रकृति से प्यार करना और उसका सम्मान करना।
  • अपनी परंपराओं को सहेजना और उन पर गर्व करना।
  • सामुदायिक जीवन का महत्व समझना।
  • जीवन को हर पल खुशियों से जीना।

तो अगली बार जब आप अरुणाचल प्रदेश घूमने जाएं, तो अपातानी जनजाति के गांवों का जरूर दर्शन करें। उनके अनोखे जीवन और प्रकृति के साथ उनके जुड़ाव को देखकर आपको एक अलग ही अनुभव होगा!

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