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भारत में बौद्ध धर्म: इसके उत्थान, पतन और स्थायी प्रभाव का इतिहास

बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है जिसकी उत्पत्ति ईसा पूर्व छठी शताब्दी में भारत में हुई थी। यह सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं पर आधारित है, जो ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध के नाम से जाने गए। बौद्ध धर्म सिखाता है कि दुख इच्छाओं के प्रति लगाव के कारण होता है और मुक्ति का मार्ग अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करना है।

भारत में बौद्ध धर्म का उदय:

बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म पूरे भारत में तेजी से फैलने लगा। यह कुछ हद तक अशोक महान जैसे शक्तिशाली शासकों के समर्थन के कारण था। अपने द्वारा छेड़े गए युद्ध के नरसंहार को देखने के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया। फिर उसने अपनी शक्ति का उपयोग अपने पूरे राज्य में बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए किया।

बौद्ध धर्म के प्रसार का एक अन्य कारण आम लोगों में इसकी अपील थी। बौद्ध धर्म ने मुक्ति का एक सरल और सीधा मार्ग प्रस्तुत किया, और इसके लिए किसी विशेष ज्ञान या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं थी। बौद्ध धर्म ने करुणा और अहिंसा का महत्व भी सिखाया, जिसने कई लोगों को पसंद किया जो उस समय की हिंसा और उत्पीड़न से थक गए थे।

 

भारत में बौद्ध धर्म का स्वर्ण युग:

गुप्त काल (चौथी-छठी शताब्दी ई.पू.) को भारत में बौद्ध धर्म का स्वर्ण युग माना जाता है। इस समय के दौरान, चंद्रगुप्त द्वितीय और समुद्रगुप्त जैसे गुप्त राजाओं के संरक्षण में बौद्ध धर्म फला-फूला। बौद्ध भिक्षुओं और विद्वानों को राज्य द्वारा समर्थन दिया गया, और पूरे भारत में बौद्ध मठ बनाए गए।

गुप्त काल में बौद्ध कला और साहित्य का भी विकास हुआ। कला के कुछ सबसे प्रसिद्ध बौद्ध कार्य, जैसे अजंता गुफाएँ और एलोरा गुफाएँ, इसी समय के दौरान बनाए गए थे। बौद्ध विद्वानों ने दर्शन और साहित्य के महत्वपूर्ण कार्यों का भी निर्माण किया, जैसे महायान सूत्र और अभिधर्म।

भारत में बौद्ध धर्म का पतन:

12वीं शताब्दी में भारत में बौद्ध धर्म का पतन शुरू हो गया। यह कई कारकों के कारण था, जिनमें हिंदू धर्म और इस्लाम का उदय, मुस्लिम सेनाओं द्वारा भारत पर आक्रमण और भारतीय शासकों के संरक्षण में गिरावट शामिल थी।

16वीं शताब्दी ईस्वी तक, बौद्ध धर्म भारत से काफी हद तक गायब हो गया था। हालाँकि, यह एशिया के अन्य हिस्सों, जैसे श्रीलंका, चीन और तिब्बत में फलता-फूलता रहा।

 

भारत में बौद्ध धर्म का स्थायी प्रभाव:

भारत में अपनी गिरावट के बावजूद, बौद्ध धर्म का भारतीय संस्कृति पर स्थायी प्रभाव रहा है। कर्म, पुनर्जन्म और निर्वाण जैसी बौद्ध अवधारणाएं अब भारत में व्यापक रूप से स्वीकार की जाती हैं, यहां तक कि गैर-बौद्धों के बीच भी। बौद्ध धर्म का भारतीय कला, वास्तुकला, साहित्य और दर्शन पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा है।

 

निष्कर्ष:

बौद्ध धर्म भारत में एक समृद्ध और जटिल इतिहास वाला धर्म है। इसने भारतीय संस्कृति को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाई और इसका प्रभाव आज भी भारतीय जीवन के कई पहलुओं पर देखा जा सकता है।

 

भारत में बौद्ध धर्म के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

प्रश्न: भारत में प्रमुख बौद्ध परंपराएँ क्या हैं?

उत्तर: भारत में मुख्य बौद्ध परंपराएँ थेरवाद, महायान और वज्रयान हैं। थेरवाद सबसे पुरानी बौद्ध परंपरा है, और इसका पालन श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में किया जाता है। महायान भारत में सबसे लोकप्रिय बौद्ध परंपरा है और इसका पालन चीन, जापान, कोरिया और तिब्बत में भी किया जाता है। वज्रयान महायान बौद्ध धर्म का एक रूप है जो तिब्बत और मंगोलिया में प्रचलित है।

प्रश्न: भारत में प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल कौन से हैं?

उत्तर: भारत में प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल हैं-

बोधगया: यह वह स्थान है जहां कहा जाता है कि बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सारनाथ: यह वह स्थान है जहां बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।

कुशीनगर: यह वह स्थान है जहां बुद्ध का निधन हुआ माना जाता है।

राजगीर: यह वह स्थान है जहां बुद्ध ने अपने शिष्यों को शिक्षा देते हुए कई वर्ष बिताए थे।

सांची: यह बौद्ध स्तूपों और अन्य स्मारकों के समूह का घर है।

 

प्रश्न: भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का क्या योगदान है?

उत्तर: बौद्ध धर्म का भारतीय संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। कर्म, पुनर्जन्म और निर्वाण जैसी बौद्ध अवधारणाएं अब भारत में व्यापक रूप से स्वीकार की जाती हैं, यहां तक कि गैर-बौद्धों के बीच भी। बौद्ध धर्म का भारतीय कला, वास्तुकला, साहित्य और दर्शन पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा है।

 

प्रश्न: भारत में बौद्ध धर्म का पतन क्यों हुआ?

उत्तर: भारत में बौद्ध धर्म के पतन के कई कारण हैं। एक कारण हिंदू धर्म और इस्लाम का उदय है। दूसरा कारण मुस्लिम सेनाओं द्वारा भारत पर आक्रमण है। इसके अतिरिक्त, भारतीय शासकों के संरक्षण में कमी के कारण भारत में बौद्ध धर्म का पतन शुरू हो गया।

 

प्रश्न: क्या बौद्ध धर्म आज भी भारत में प्रचलित है?

उत्तर: हाँ, बौद्ध धर्म आज भी भारत में प्रचलित है। भारत में लगभग 8.4 मिलियन बौद्ध हैं, जो इसे देश का चौथा सबसे बड़ा धर्म बनाता है। भारत में सबसे अधिक बौद्ध महाराष्ट्र राज्य में रहते हैं।

 

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